Monday, January 20, 2014

नए साल का संकल्प

पद्मभूषण तीजन बाई

हम कलाकारों की बिरादरी हमेशा यही चाहती है कि दर्शकों का भरपूर प्यार मिलता रहे। साल 2013 में कई उपलब्धियां मेरे खाते में आई। विभिन्न सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं ने सम्मान दिया। अपने राज्य में अगले महीने एक और डि-लिट् मुझे मिल रही है। उम्मीद है, नया साल भी ईश्वर की कृपा से अच्छा ही होगा। नए साल के लिए कोई विशेष संकल्प तो नहीं है, हां बस इतना ही चाहती हूं कि सद्भावना बनी रहे और लोक कला व कलाकार ऊंचाईयां तय करते रहे। 

पद्मश्री जॉन मार्टिन नेलसन 

2013 की तरह 2014 भी सद्भावना मिशन को समर्पित रहेगा। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में स्थित सालूर गांव में अपना सद्भावना मिशन के तहत मैं एक महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़ा हूं। यहां एक पर्वत पर देश के महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने की पहल की है। पहले इसे क्रूस का पहाड़ कहा जाता था, अभी तक मैनें महात्मा गांधी, मदर टेरेसा और विवेकानंद की प्रतिमाएं भेज दी है। आगे और भी भेजनी है। इसे अब सद्भावना पर्वत कहा जा रहा है। नए साल में भी सभी का आपस में प्रेम बना रहे, बस यही आकांक्षा है। 

फिल्म निर्देशक अनुराग बसु 

2013 में परिवार सहित अपने शहर भिलाई आया। कोशिश है अपनी अगली फिल्म 'जग्गा जासूसÓ के प्रमोशन के लिए भी छत्तीसगढ़ और भिलाई आऊं। भिलाई में थियेटर को लेकर काफी कुछ करने की प्लानिंग है। अक्सर देश-विदेश में शूटिंग के दौरान कहीं कोई अपना भिलाई वाला मिल जाता है तो दिल से खुशी होती है। हमारे भिलाई के लोगों ने हर जगह अपना झंडा बुलंद किया है। नए साल के लिए मेरे अपने भिलाईवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं।

 

साल 2013 में ये रही अच्छी खबरें 

नौकरियों का पिटारा खुला 

साल 2013 में भिलाई स्टील प्लांट ने थोक में नौकरियां जारी की। 13 फरवरी को एक साथ 934 पदों पर खुली भर्ती की अधिसूचना जारी की गई है। इसमें एस-1 और एस-3 ग्रेड पर नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और चयनित उम्मीदवार अब ज्वाइनिंग भी दे रहे हैं। इसके बाद दूसरी बड़ी वेकेंसी 3 अक्टूबर को निकाली गई। जिसमें आपरेटर कम टेक्नीशियन ट्रेनी (ओसीटी) के 330 पदों पर खुली भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई। 
राज्य का पहला सर्वर बेस्ड टेलीकॉम लगाने काम शुरू 
छत्तीसगढ़ का पहला सर्वर बेस्ड टेलीकाम एक्सचेंज भिलाई में लगाने 14 फरवरी को भूमिपूजन हुआ। इसके तहत भिलाई स्टील प्लांट का दूर संचार विभाग संयंत्र और टाउनशिप क्षेत्र के 34 स्थानों पर एक्सचेंज (मीडिया गेट वे) की स्थापना कर रहा है। जिससे दूरसंचार और इंटरनेट की सुविधा के अंतर्गत स्पष्ट आवाज, डाटा एवं वीडियो कॉलिंग की अनवरत सुविधा मिल सकेगी। 
सुपेला ओवर ब्रिज को मंजूरी मिली  
25 फरवरी को रेलवे बजट में इस्पात नगरी को सुपेला क्रासिंग में ओवरब्रिज की मंजूरी मिल गई। साथ ही दुर्ग जयपुर एक्सप्रेस साप्ताहिक करने और साजा से भाठापारा में नई रेल लाइन के सर्वे की भी मंजूरी मिली। सांसद सरोज पांडेय का कहना है कि रेल बजट 2013 में बहुत थोड़ी ही सही लेकिन कुछ आकांक्षाएं पूरी हुई। सुपेला चौक के रेल्वे क्रासिंग में ओवरब्रिज के निर्माण एवं सिरसा गेट के गेट नं. 439 में अंडरब्रिज निर्माण हेतु 06.61 करोड़ रू. की स्वीकृति बजट में की गई है। 
दुनिया का सबसे बड़ा तंबूरा हमारे भिलाई में बनेगा
इस्पात नगरी फिर एक बार विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करने जा रही है। भिलाई स्टील प्लांट की पहल पर लोककला वाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय ने मैत्रीबाग में दुनिया का सबसे विशाल तंबूरा बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसकी औपचारिक शुरूआत 18 अप्रैल को सिविक सेंटर स्थित नगर प्रशासन विभाग की वर्कशॉप में  की गई थी। 
ट्रेनीज को भी नियमित कर्मियों की तरह सुविधाएं 
भिलाई स्टील प्लांट में स्थाई नौकरी से पूर्व प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को पहली बार नियमित कर्मी की तरह सुविधाएं शुरू कर दी गई हैं। मेडिकल और मकान सहित तमाम सुविधाएं इसमें शामिल हैं। इस अहम फैसले के बाद सेल बोर्ड ने अक्टूबर में ट्रेनीज के हक में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बीएसपी में करीब 600 प्रशिक्षुओं में प्रत्येक को 8330 रुपए का भुगतान बोनस के तौर देना तय किया। 
तालपुरी में सिर्फ भूखंड पर रजिस्ट्री
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी के 3500 से ज्यादा आवंटियों ने राहत की सांस ली है। सिर्फ भूखंड पर रजिस्ट्री के आदेश की शासकीय अधिसूचना 13 अगस्त को जारी हो गई। इसके बाद यहां के आवासधारियों की अब रजिस्ट्री सिर्फ भूखंड पर होगी, जबकि इससे पहले हाउसिंग बोर्ड ने निर्मित मकान की लागत को भी इसमें जोड़ दिया था। छत्तीसगढ़ शासन के फैसले से लोगों अधिकतम 4 लाख तक की बचत होगी। 
इस संबंध में 28 जून को राज्य कैबिनेट ने फैसला लिया था। जिसके करीब डेढ़ महीने बाद संयुक्त सचिव वाणिज्य कर (पंजीयन) विभाग एपी त्रिपाठी के हस्ताक्षर से यह अधिसूचना जारी हो गई। 2008 की यह परियोजना 2010 में पूरी होनी थी लेकिन अभी तक इसका निर्माण अधूरा है। दूसरी तरफ हाउसिंग बोर्ड ने नियमों का हवाला देते हुए सिर्फ भूखंड पर रजिस्ट्री से इनकार कर दिया था। इसके बाद तालपुरी इंटरनेशनल कॉलोनी एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर, मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी।

खबर जिसने चौंकाया

25 अप्रैल-सीबीआई ने सेक्टर-9 अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एसके सक्सेना 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इस घटना की भिलाई बिरादरी में व्यापक प्रतिक्रिया हुई। मैनेजमेंट ने डॉ. सक्सेना को निलंबित कर दिया। डॉ.सक्सेना को बीएसपी कर्मी सोमेन कोले की शिकायत पर सीबीआई ने 25 अप्रैल की रात रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
आईडी एक्ट लागू, लाल झंडा बना मितान
भिलाई स्टील प्लांट में पहली बार केंद्रीय औद्योगिक विवाद अधिनियम (आईडी एक्ट) के तहत यूनियन चुनाव 10 मई को हुए। जिसमें हिंदुस्तान स्टील एम्पलाइज यूनियन (सीटू) ने 44 फीसदी मत लेकर अपनी शानदार जीत हासिल की है। इस्पात श्रमिक मंच 28 फीसदी मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहा वहीं स्टील एम्पलाइज यूनियन इंटक को 19 फीसदी मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इसके साथ ही भिलाई में करीब डेढ़ दशक से श्रमिक यूनियन की राजनीति में चली आ रही शून्यता की स्थिति खत्म हो गई। 
आफिसर्स एसोसिएशन में फेरबदल 
बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के चुनाव में इस बार चौंकाने वाले नतीजे रहे। लगातार दो कार्यकारिणी में अध्यक्ष रहे टीआर यादव इस बार मैदान से बाहर थे और उनके प्रत्याशी के तौर मैदान में उतरे एनके बंछोर को पूर्व महासचिव केडी प्रसाद से शिकस्त मिली। वहीं महासचिव बने के. के. यादव ने 900 से ज्यादा मत हासिल कर अपनी जीत से सबको चौंका दिया। 
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2014 की उम्मीदें 

रावघाट परियोजना:-2009 में माइनिंग लीज हासिल करने के बाद सेल-बीएसपी मैनेजमेंट की तैयारी 2012-13 तक रावघाट आयरन ओर प्रोजेक्ट शुरू करने की थी। लेकिन ऐसा हो ना सका। साल 2013 में परियोजा का डीपीआर तैयार नहीं हो पाया है। अर्धसैनिक बलों की टुकडिय़ां सुरक्षा के लिए यहां पहुंच रही है। नारायणपुर और अंतागढ़ के इलाके में बीएसपी अपनी पैठ बनाने सेवा कार्य में भी जुटी है। लेकिन जमीनी हालात ठीक इसके विपरीत है। कनेरा में टाउनशिप निर्माण की तैयारी चल रही है। रेल लाइन का काम साल में कुछ माह रुकने के बाद फिर शुरू हो गया है। इस बीच सेल-बीएसपी ने रावघाट को अपनी प्राथमिकता सूची में रखते हुए अलग से ईडी की नियुक्ति कर दी है। भिलाई स्टील प्लांट में ईडी माइंस पी. के. सिन्हा को अब स्वतंत्र रूप से ईडी रावघाट बना दिया गया है। श्री सिन्हा रावघाट माइंस की लीज हासिल करने से लेकर अब तक सारी प्रक्रियाओं के साक्षी हैं। उम्मीद की जा रही है कि 2014 में रावघाट परियोजना मूर्त रूप ले सकेगी। 
विस्तारीकरण अभी और दूर 
भिलाई स्टील प्लांट की सालाना हॉट मेटल उत्पादन क्षमता 50 लाख टन से बढ़ाकर 70 लाख टन करने आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण परियोजना कई रुकावटों के बाद अब फिर से गति पकडऩे लगी है। साल 2013 में प्रोजेक्ट एरिया में कई हादसे हुए। दो जानें भी गईं। पूरे साल भर में प्रोजेक्ट की एक बड़ी उपलब्धि  के रूप में कोक ओवन बैटरी-11 की हीटिंग 14 सितंबर को सीईओ एस. चंद्रशेखरन के हाथों हुई। 17 हजार करोड़ की पूरी परियोजना में नई ब्लास्ट फर्नेस-8, यूनिवर्सल रेल मिल, बार एंड रॉड मिल, स्टील मेल्टिंग शॉप-3 और नई सिंटर मशीन की स्थापना जैसे कार्य अभी भी निर्माण अवस्था में है। नई परियोजना के लिहाज से सिंटर प्लांट जैसे कुछ विभागों मॉडेक्स पूल के तहत अन्य विभागों से भेजे गए कर्मियों की वजह से विवाद की स्थिति भी बन रही है। इन सारी परिस्थितियों में बीएसपी का विस्तारीकरण फिलहाल दो साल और दूर है। 
कवर्धा एमओयू में होगा बदलाव 
नए साल की उम्मीदों में भिलाई स्टील प्लांट का कवर्धा प्रोजेक्ट भी शामिल है। कबीर धाम जिले की अकलीआमा-चेलिकआमा लौह अयस्क खदान हासिल करने सेल-बीएसपी ने छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के साथ 4 नवंबर 12 को एमओयू किया है। इस साल ज्वाइंट वेंचर बनाने की दिशा में दोनों पक्षों की कई बैठकें हुई और सेल बोर्ड ने इस संबंध में प्रारूप बनाकर राज्य सरकार को भेज भी दिया है। अब विधानसभा चुनाव के बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इस प्रारूप में बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसके बाद ही ज्वाइंट वेंचर बनेगा और कवर्धा तक रेल लाइन जैसी महत्वपूर्ण पहल को अमली जामा मिलेगा। 
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2013 में सुर्खियों में रहे ये भिलाइयन 

अरुंधति भट्टाचार्य- भारतीय स्टेट बैंक पहली महिला चेयरमैन के तौर पर ओहदा संभालने वाली अरुंधति भट्टाचार्य का बचपन इस्पात नगरी भिलाई 4 ए, स्ट्रीट-26, सेक्टर-10 में गुजरा। उनके पिता प्रद्युम्न कुमार मुखर्जी भिलाई स्टील प्लांट में प्रोजेक्ट इंजीनियर थे। इंग्लिश प्राइमरी स्कूल सेक्टर-9 (अब ईएमएमएस-9) से प्राइमरी और इंग्लिश मीडियम हायर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-7 (अब सी.से. स्कूल-7) से 8 वीं तक पढऩे के बाद अरुंधति ने आगे की पढ़ाई बोकारो और कोलकाता से की। 
सुनील सोनी- ईपीएस सेक्टर-9 और सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-7 के बाद 1972 में सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-10 से पास आउट सुनील सोनी (आईएएस) ने महाराष्ट्र में करीब 3 दशक की लंबी सेवाओं के बाद इस साल 2 जुलाई को नई दिल्ली में भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक का पद संभाला। श्री सोनी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान आईईएस में पूरे देश में दूसरा स्थान लाकर 1978 में भिलाई का नाम रोशन कर दिया था। इस दौरान वह भारतीय रेलवे में असिस्टेंट मेकेनिकल इंजीनियर के तौर पर भिलाई स्टील प्लांट में ही पदस्थ हुए। यहां सेवा देते हुए उन्होंने आईएसएस की तैयारी की और देश भर में 24 वें स्थान के साथ सफलता दर्ज की। महाराष्ट्र के बाद श्री सोनी 2012 से प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में है। इस दौरान वह केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव भी रहे। उनके पिता स्व. चरणजीत लाल सोनी भिलाई स्टील प्लांट के वित्त विभाग में अफसर थे और सेल में अतिरिक्त निदेशक (वित्त) के पद से सेवानिवृत्त हुए। 
मनीष खारबीकर- कर्नाटक स्थित जैनतीर्थ मूड़भद्री से पुरातात्विक व धार्मिक महत्व की जैन प्रतिमाओं की चोरी का खुलासा करने वाले मैंगलुरू के पुलिस कमिश्नर मनीष खारबीकर इस साल सुर्खियों में रहे। चोरी की इस घटना की देश भर के जैन समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी के तार दुर्ग-भिलाई से भी जुड़े थे। मनीष मूलत: भिलाई के हैं और उनकी स्कूली शिक्षा भिलाई विद्यालय से पूरी हुई है। उनकी मां पीएन खारबीकर बीएसपी शिक्षा विभाग में पदस्थ थी और पिता स्व. एनवी खारबीकर पुलिस विभाग में थे। 
कविता कृष्णन-सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-10 से 1990 में पास आउट कविता की गिनती अब दुनिया के चुनिंदा विचारको में हो रही है। अमेरिकी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी, ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस, फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त नवी पिल्लई सहित दुनिया भर की 100 हस्तियों के साथ कविता का नाम ग्लोबल थिंकर के तौर पर शामिल किया है। कविता के पिता स्व. एएस. कृष्णन भिलाई स्टील प्लांट के बीबीएम में डीजीएम थे। मां प्रो. लक्ष्मी कृष्णन अंग्रेजी की प्राध्यापक व संगीत की जानकार हैं।
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भिलाइयन जो इस साल हमसे बिछड़ गए

डॉ. मोहिनी ताराचंद- भिलाई की पहली चिकित्सक डॉ. मोहिनी ताराचंद का 94 साल की उम्र में इस साल 11 जनवरी को गुडग़ांव में निधन हो गया। भिलाई स्टील प्रोजेक्ट की शुरूआत के दौरान जब ना तो कोई अस्पताल था ना ही किसी डॉक्टर की नियुक्ति हुई थी। ऐसे में 1956 में तत्कालीन सुप्रिंटेंडेंट (ट्रेनीज) कर्नल ताराचंद की पत्नी डॉ. मोहिनी ताराचंद ने भिलाई हाउस (आज का बीआईटी और सियान सदन) के एक कमरे में अपना अस्पताल शुरू किया था। उन्होंने 1959 तक भिलाई की श्रमिक बिरादरी और उनके परिवारों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवा दी। 
सुब्रमण्यम समरपुंगवन-भिलाई स्टील प्लांट में एक ग्रेजुएट इंजीनियर से सेल चेयरमैन के पद तक पहुंचने वाले पहले भिलाईयन सुब्रमण्यम समरपुंगवन का 26 फरवरी को अमेरिका में निधन हो गया। भिलाई से सोवियत संघ जाकर तकनीकी प्रशिक्षण लेने वाले भिलाई के इंजीनियरों के पहले समूह का नेतृत्व श्री समरपुंगवन ने किया था। उन्होंने सेल चेयरमैन बनने से पहले सेल की अन्य इकाइयों बोकारो और इस्को बर्नपुर स्टील प्लांट में बतौर एमडी अपनी सेवाएं दी थी। पीएम ट्र्ॉफी चयनकर्ता समूह के प्रमुख के तौर पर भी उन्होंने भिलाई के कई दौरे किए थे। 
डॉ. विशेष मोहबे-छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के लिए नैनो टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ विज्ञान लेखक डॉ. विशेष मोहबे का 21 नवंबर को ह्दयघात से निधन हो गया। भौतिकी के प्रोफेसर होने के साथ उन्होंने समाज में वैज्ञानिक चेतना के प्रचार-प्रसार के लिए काफी काम किया। 
सीएल दुबे- भिलाई की श्रमिक राजनीति में पहली पीढ़ी के आखिरी स्तंभ में से एक सीएल दुबे का 30 जनवरी को निधन हो गया। श्री दुबे के इंटक कोषाध्यक्ष पद पर रहते हुए ही स्टील वर्कर्स यूनियन का विशाल भवन श्रम शक्ति सदन सेक्टर 6 में निर्मित किया गया था। श्रमिकों से संबंधित विभिन्न बहुपक्षीय समझौतों में श्री दुबे की विशेष भूमिका होती थी।
प्रफुल्ल भाई त्रिवेदी-इस्पात नगरी भिलाई के प्रथम आवास के आवंटी प्रफुल्ल भाई त्रिवेदी (80) का 2१दिसंबर को निधन हो गया। बीएसपी के प्रथम महाप्रबंधक श्रीनाथ मेहता के साथ भिलाई आए स्व. त्रिवेदी 11 जून 1956 से 17 जून 1984 तक स्टोर विभाग में पदस्थ थे। 1956 में जब सेक्टर-1 और सेक्टर-10 निर्माणाधीन थे। उस दौरान 3 दिसंबर 1956 को उन्हें एक अन्य कर्मी ओवरसियर पीतांबर श्रीवास्तव के साथ सेक्टर-1, एवेन्यू बी का 1 ए आवास आबंटित किया था। यह टाउनशिप के किसी भी आवास का पहला आवंटन था। 
रोबिन दत्ता-भिलाई की श्रमिक राजनीति में रोबिन दत्ता एक बड़ा नाम थे। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से इंटक तक उन्होंने श्रमिकों का बखूबी नेतृत्व किया। एचएससीएल में उन्होंने श्रमिकों की समस्याओं को दिल्ली तक उठाने में मुख्य भूमिका निभाई इस साल 25 अक्टूबर को उन्होंने आखिरी सांस ली। 
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साल-2013 के हादसे 

24 जनवरी-निर्माणाधीन ब्लास्ट फर्नेस-8 स्थल में झारखंड पलामू जिले से आए ठेका मजदूर शंकर शर्मा की ऊंचाई से गिरने से मौत के बाद बाकी मजदूरों ने जमकर उत्पात मचाया। इन मजदूरों ने ठेका कंपनी के दफ्तर में तोड़-फोड़ की। दूसरे दिन भी हादसे की जगह तनाव बरकरार रहा। बड़े बवाल की आशंका के चलते सभी ठेका मजदूरों को दो दिन तक छुट्टी दे दी गई। 
31 जनवरी-बीएसपी के विस्तारीकरण परियोजना स्थल पर नई कोक ओवन बैटरी क्रमांक-11 में एक चाइनीज टावर क्रेन 30 टन वजनी भारी भरकम जॉब सहित मजदूरों पर गिर गई। कैंप-1 निवासी ठेका मजदूर संतोष सिंह की मौके पर मौत हो गई। अन्य घायलों में कृष्णा देवांगन की हफ्ते भर बाद अस्पताल में मौत हो गई। दो अन्य घायलों हरमीत सिंह व प्रशांत भूषण तिवारी उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर लौटे। 
3 अप्रैल-निगम पार्षद व महापौर परिषद सदस्य गफ्फार खान के भाई जमालुद्दीन के परिवार के 5 सदस्यों की नाव पलटने से मौत हो गई। रात के वैवाहिक आयोजन के बाद सुबह दुर्ग के ग्राम चंगोरी स्थित तालाब में नाव पलटने से मोहम्मद हबीब (38), रोशनी (25), गुडिय़ा(4), तहजीम(4), तहसीन(1) की मौत हो गई। इन सभी मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार 5 अप्रैल की दोपहर रामनगर स्थित मुस्लिम कब्रिस्तान में किया गया। जहां सैकड़ों की तादाद में मौजूद लोगों ने अंतिम विदाई दी। 
5 मई-बीएसपी के आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण क्षेत्र के नए वैगन टिपलर एरिया में परीक्षण के दौरान वैगन पलटने पर हुई जोरों की आवाज से पास के प्लेटफार्म पर खड़े जीएम प्रोजेक्ट अनिल टूटेजा, डीजीएम चंदन रक्षित और एचईसी कंपनी में कार्यरत ठेका मजदूर बीरेश ठाकुर दहशत में नीचे कूद गए। इनमें ठेका मजदूर बीरेश ठाकुर को गंभीर चोटें आई और उसकी महीने भर बाद सेक्टर-9 अस्पताल में मौत हो गई।
17 मई-बीएसपी के सेक्टर-9 अस्पताल में आईसीयू में जगह नहीं मिलने से सड़क हादसे के घायल बीएसपी कर्मी की मौत हो गई। इस लापरवाही से बिफरी सीटू यूनियन ने अस्पताल में हंगामा किया। बजरंग पारा कोहका निवासी और बीएसपी टाउनशिप इलेक्ट्रिकल विभाग में कार्यरत मुन्नालाल साहू (45) और उनकी पत्नी मंजू उर्फ मोहरबाई साहू (42) बिटाल (बालोद) के पास सुबह ट्रक की ठोकर से घायल हो गए थे। सेक्टर-9 अस्पताल की केजुअल्टी में घायलों की गंभीर हालत के बावजूद आईसीयू के बजाए वार्ड में भेज दिया गया। शाम 4 बजे मुन्ना लाल की मौत हो गई। अस्पताल में विरोध-प्रदर्शन के बाद आनन-फानन में आखिरी सांसे ले रही मृतक की पत्नी को आईसीयू में भेजा गया। हालांकि दो दिन बाद महिला की भी मौत हो गई।
25 जून-उत्तरांचल में आई बाढ़ में भिलाई के दो दंपतियों ने अपनी जान गंवाई। एसीसी जामुल में अफसर प्रसन्न कुमार पिल्लई अपनी पत्नी लता पिल्लई और हाउसिंग बोर्ड 32 एकड़ क्षेत्र में निवासरत एसीसी के रिटायर अफसर पी. राधाकृष्णन और उनकी पत्नी वी. सती देवी 8 जून को भिलाई से 4 धाम की यात्रा पर रवाना हुए थे। दोनों के परिजनों से उनकी 12 जून की रात आखिरी बार बात हुई थी। उसके बाद चारों की कोई खबर नहीं मिली। अंतत: हादसे के हफ्ते भर बाद कोई पता नहीं चलने पर चारों की मौत की पुष्टि उत्तरांचल सरकार ने की। 
6 जुलाई-भिलाई स्टील प्लांट के रोल टर्नर शॉप (आरटीएस) में पदोन्नति विवाद ने तीसरे दिन उग्र रूप ले लिया। अपनी मांग पूरी न होते देख विभाग के करीब 120 कर्मियों ने दोपहर में काम ठप कर दिया। उत्पादन ठप होते देख हड़बड़ाए मैनेजमेंट ने बैठकें कर बीच का रास्ता निकाला। प्रभावित 4 कर्मियों को अलग-अलग एलओपी (लाइन ऑफ प्रमोशन) के साथ प्रमोशन दे दिया गया। फिलहाल चारों कर्मी उसी विभाग में कार्य करेंगे लेकिन जल्द ही इनमें से दो को स्थानांतरित किया जाएगा।
13 जुलाई-भिलाई स्टील घ्लांट के अंदर शनिवार को कोल हैंडलिंग घ्लांट (सीएचपी) में खराब सड़क और पीने का पानी नहीं मिलने को लेकर कर्मियों ने हंगामा किया। तकरीबन तीन घंटे तक यह सब चला और सड़क जाम रही। बीएसपी के विस्तारीकरण के चलते सीएचपी में मार्ग को परिवर्तित किया गया है। कर्मियों की शिकायत है कि इस मार्ग पर निर्माण  कार्य का मलबा डाला जा रहा है, जिससे आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं। वहीं सीएचपी में पिछले तीन दिन से पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। 
17 जुलाई-भिलाई स्टील प्लांट के निर्माणाधीन सिंटर प्लांट-3 के सब स्टेशन 41सी में केबल बिछाने के दौरान करंट की चपेट में आए शांति नगर डुंडेरा निवासी चिन्ना राम साहू (36) अर्धकुशल ठेका श्रमिक की मौत हो गई। मेसर्स इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड के अधीन कार्यरत इस युवक की मौत के बाद विभिन्न श्रमिक संगठनों ने मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इससे हड़बड़ाए मैनेजमेंट ने स्थिति को शांत करवाने मृतक के आश्रित को नौकरी के प्रावधान की घोषणा कर दी। 
17-18 जुलाई-सेक्टर-9 अस्पताल के आईसीयू में फिर एक बार जगह नहीं मिलने पर बीएसपी कर्मी की मौत हो गई। ब्लास्ट फर्नेस-7 में कार्यरत सेक्टर-1 एवेन्यू सी निवासी बीएसपी कर्मी घनश्याम यादव (42) को सुबह सीने में दर्द की शिकायत के बाद सेक्टर-9 अस्पताल लाया गया था। यहां उसे ए-3 वार्ड में दाखिल कर दिया गया था। उनका रूटीन एक्स-रे शाम को 4 बजे लिया गया। तब तक उनकी तबियत और बिगड़ चुकी थी। इसके बाद ज्यादा हालत बिगडऩे पर आनन-फानन में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया,जहां उनकी मौत हो गई। इस मौत के बाद श्रमिक संगठनों ने जम कर बवाल मचाया। दूसरे दिन प्लांट के अंदर ब्लास्ट फर्नेस में हुए प्रदर्शन के दौरान सीटू नेताओं की सीआईएसएफ के साथ झड़प हुई। 
26 जुलाई-ब्लास्ट फर्नेस-3 में हुए हादसे में  सीनियर टेक्नीशियन आरएस नायडू को गैस लग गई। उन्हें गंभीर हालत में सेक्टर-9 के आईसीयू में दाखिल कराया गया। बाद में मैनेजमेंट ने और बेहतर इलाज के लिए उन्हें वेलोर भेजा। 
3 अगस्त-भिलाई स्टील प्लांट के अंदर और बाहर हुए हादसों में दो महिला ठेका मजदूरों की मौत हो गई। जोरातराई गेट के समीप प्लांट के अंदर मेन स्टेप डाउन सब स्टेशन (एमएसडीएस-2) के पास शाम 5 बजे कन्वर्टर शॉप से अपनी ड्यूटी पूरी कर लौट रही जोरातराई निवासी सुरमणि बाई (52) फाउलर की चपेट में आ गई। इसके करीब घंटे भर के बाद दूसरा हादसा इक्विपमेंट चौक से खुर्सीपार जाने वाले नए रास्ते पर हुआ। यहां सीईडी में काम करने वाली ठेका मजदूर मीरा बाई (५०) को एक फाउलर ने अपनी चपेट में ले लिया। 
16 अगस्त-टाउनशिप में डेंगू से एक बच्चेे की मौत हो गई। भिलाई स्टील प्लांट के कर्मी और सेक्टर-5, स्ट्रीट 16, क्वार्टर नं. 9 बी निवासी अशरफ अली के 4 साल के बेटे अजीम अली को बुखार के बाद 11 अगस्त को सेक्टर-9 अस्पताल में दाखिल कराया गया था। मासूम अजीम की मौत के बाद टाउनशिप के घर-घर से साधारण बुखार वाले मरीजों की भी डेंगू के शक में जांच की गई। करीब दो माह तक चले अभियान में १२१ मरीजों में डेंगू का संदेह था। इनमें ३३ का इलाज सेक्टर-9 अस्पताल में हुआ। डेंगू को लेकर दो माह तक टाउनशिप में दहशत की स्थिति रही और इसकी वजह से बीएसपी नगर सेवाएं विभाग को विशेष सफाई अभियान चलाना पड़ा। 
10 सितंबर-ब्लास्ट फर्नेस-5 में हुए हादसे में तीन श्रमिक बुरी तरह झुलस गए। टैप होल नं. 2 में कूलिंग सेक्शन में कार्यरत नियमित कर्मी भुवनेश्वर यादव (45) के साथ ठेका मजदूर सालिक राम (38) और अभिषेक तुरतर (25) व अन्य मजदूर लास्ट फर्नेस से पिघला लोहा (हॉट मेटल) निकलने के बाद टेपिंग की खाली नालियों की सफाई कर रहे थे। इसके लिए जैसे ही पानी की धार पड़ी वहां मौजूद हाट मेटल से जोर का विस्फोट हुआ। जिससे पिघला लोहा छिटका और दहशत में कर्मचारी भागने लगे। तीनों ठेका मजदूरों का महीने भर तक सेक्टर-9 अस्पताल में इलाज चला। 
6 अक्टूबर-जमीन से 150 फीट नीचे पंप हाउस में बेहोश पाए गए भिलाई स्टील घ्लांट के कर्मी की सेक्टर-9 अस्पताल में मौत हो गई। बीएसपी के जल प्रबंधन विभाग (डब्ल्यूएमडी) में आपरेटर उमरपोटी निवासी मंसाराम (59) पंप हाउस-34 में 29 सितंबर को बेहोश मिले थे।
31 अक्टूबर- बीएसपी की रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल में 950 स्टैंड का पिनियन जमीन से उखड़ गया। रूसी तकनीक पर आधारित इस पिनियन के उखडऩे से पूरी मिल का ऑपरेशन 9 नवंबर तक रोक दिया गया। इस दौरान पूरी मिल को कैपिटल रिपेयर में लिया गया और 10 नवंबर से उत्पादन सामान्य हो पाया। 
2 नवंबर-भिलाई स्टील प्लांट के भीतर पखवाड़े भर पहले एक ठेका मजदूर दुष्कर्म की शिकार हो गई। पीडि़ता को आरोपी सुपरवाइजर धमकाता रहा यहां तक कि पति ने भी उसे मायके छोड़ दिया था। मजदूरों की एकजुटता के बाद न सिर्फ कानूनी कार्रवाई हुई, बल्कि आरोपी को थाने पहुंच कर आत्मसमर्पण करना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दिन भर भ_ी थाना में गहमा-गहमी रही। घटना 20 अक्टूबर को दोपहर बाद 3:30 बजे की। जोरातराई से लगे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली 27 वर्षीय ठेका मजदूर ठेकेदार के चंद्रशेखरन के अधीन कंटीन्युअस कास्टिंग विभाग में काम कर रही थी। घटना वाले दिन महिला मजदूर अपना काम खत्म कर घर जाने की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान सुपरवाइजर खुर्सीपार निवासी जनक लाल वर्मा ने पास के एक कमरे में बुलाया और उससे दुष्कर्म किया। 
7 नवंबर-सेक्टर-9 अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों की पिटाई कर दी। खुर्सीपार निवासी 39 वर्षीय युवक का उपचार चल रहा था। मरीज की बीमारी को लेकर परिजनों की डॉक्टरों के साथ बहस हुई और इस दौरान आरोपी सुदर्शन अग्रवाल व अन्य लोगों ने डॉ. सौरव मुखर्जी और डॉ. संजय सिंह से मारपीट कर दी।