Wednesday, December 16, 2015

..इसलिए 'तमाशा' में नहीं बज पाया तीजन का तंबूरा
पिछले साल रणबीर भिलाई पहुंचे थे तीजन बाई से मिलने
पद्मभूषण तीजन बाई,निज सचिव मनहरण सार्वा और रणबीर कपूर
पिछले साल 27 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ भिलाई पहुंचे निर्देशक इम्तियाज अली और अभिनेता रणबीर कपूर की तैयारियां धरी की धरी रह गई। दोनों की तैयारी पद्मभूषण तीजन बाई और उनकी पंडवानी को अपनी फिल्म 'तमाशा' में शामिल करने की थी लेकिन अब जबकि फिल्म स्क्रीन पर आ चुकी है तो परदे पर न तो तीजन बाई हैं और ना ही उनकी पंडवानी। इसके पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्प है।  तीजन बाई का कहना है कि-अब तो फिल्म बन चुकी है, इसलिए कुछ कहने का कोई मतलब नहीं है।
अपनी पिछली सुपरहिट फिल्म 'रॉक स्टार' के बाद रणबीर कपूर और इम्तियाज अली की जोड़ी ने 'तमाशा' की तैयारी शुरू कर दी थी। तब अपनी फिल्म के कथानक के लिहाज से दोनों ने सबसे पहले छत्तीसगढ़ की प्रख्यात पंडवानी गायिका पद्मभूषण तीजन बाई से संपर्क किया था। सारी तैयारियों के बाद रणबीर और इम्तियाज सीधे सेक्टर-1 स्थित तीजन बाई के घर पहुंचे थे। जहां से ये लोग तीजन बाई के शिवनाथ नदी तट पर स्थित गांव बेलौदी गए थे। जहां पंडवानी सुनाने के लिए इन्होंने तीजन बाई को परंपरागत ढंग से तैयार करवाया था और पंडवानी की कुछ प्रमुख मुद्राओं की दोनों ने वीडियो रिकार्डिंग भी की थी। इसके बाद सब कुछ गोपनीय रखते हुए दोनों तुरंत रायपुर से मुंबई रवाना हो गए थे।
इसके बाद मीडिया में आई खबरों के बाद माना जा रहा था कि 'तमाशा' में तीजन बाई किसी न किसी रूप में नजर आएंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। 'तमाशा' रिलीज हो चुकी है और छत्तीसगढ़ में ज्यादातर दर्शक तीजन बाई को देखने के लिहाज से सिनेमा हॉल जा रहे है और निराश हो कर लौट रहे हंै। दरअसल इन सबके पीछे जो जानकारी निकल कर आ रही है, वह बेहद दिलचस्प है। तीजन बाई के निज सचिव मनहरण सार्वा बताते हैं कि 'तमाशा' फिल्म में पंडवानी रखने का फैसला हो चुका था लेकिन डायरेक्टर इम्तियाज अली चाहते थे कि आवाज तो तीजन बाई की रहे लेकिन परदे पर अभिनय ईला अरूण करेंगी। इसके लिए एआर रहमान के संगीत निर्देशन में मुंबई पंडवानी रिकार्ड करने की तैयारी भी हो गई थी। प्रस्ताव थोड़ा अटपटा तो था,इस बीच रिकार्डिंग की तारीख तय हुई और तीजन बाई के मोतियाबिंद के आपरेशन की तारीख भी आ गई। ऐसे मेें आपरेशन छोड़ कर रिकार्डिंग पर जाना संभव नहीं था। इसलिए फिल्म में पंडवानी वाला अध्याय रखा ही नहीं गया। इसलिए फिल्म में पंडवानी वाला अध्याय रखा ही नहीं गया।
उल्लेखनीय है कि 'तमाशा'' फिल्म में पौराणिक काल से लेकर आधुनिक काल तक की कई कथाएं एक कहानीकार के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई है। संभव हैं इसी में महाभारत का अध्याय तीजन बाई की पंडवानी के माध्यम से दिखाने की तैयारी इम्तियाज अली और रणबीर कपूर की रही हो। लेकिन विभिन्न कारणों से ऐसा नहीं हो सका। इसलिए फिल्म के क्रेडिट में भी कहीं भी पद्मभूषण तीजन बाई का नाम नहीं है। यह गौरतलब है कि तीजन बाई मंच पर पंडवानी प्रस्तुत करने के अलावा बड़े परदे पर बहुत कम नजर आई हैं। सबसे पहले वह 1986 में श्याम बेनेगल के सीरियल 'भारत एक खोज' में महाभारत वाले अध्याय में पंडवानी प्रस्तुत कर चुकी हैं और 2001 में एक छत्तीसगढ़ी फिल्म 'मयारू भौजी' एक दृश्य में तीजन बाई के रूप में ही गांव में पंडवानी प्रस्तुत करते हुए नजर आई हैं। तीजन बाई के सचिव श्री सार्वा कहते हैं-वैसे भी उन्हें फिल्मों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। इसलिए 'तमाशा' को लेकर इम्तियाज और रणवीर से आगे बहुत ज्यादा बात नहीं हो पाई।

''इम्तियाज अली और रणबीर कपूर ने महाभारत की गाथा पंडवानी के माध्यम से अपनी फिल्म 'तमाशा' में दिखाने की इच्छा जाहिर की थी और इसलिए ही वो लोग मेरे पास भिलाई आए थे। बाद में कुछ बात भी हुई थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। अब तो फिल्म रिलीज हो चुका है। वैसे इस बारे में इम्तियाज अली और रणबीर कपूर ही बता सकते हैं।''

पद्मभूषण तीजन बाई, प्रख्यात पंडवानी गायिका