Saturday, July 30, 2016

भिलाई के आकाश ने ‘मोहेंजो-दारो’
पर आशुतोष-ऋत्विक को घसीटा कोर्ट में 

दावा-1995 में लिखी थी पटकथा, आज भी इसी नाम से मशहूर है उनका नाटक, बाम्बे हाईकोर्ट करेगा फैसला, 12 अगस्त 2016 को  रिलीज होनी है ऋत्विक की फिल्म

मुहम्मद जाकिर हुसैन/भिलाई

आशुतोष गोवारीकर-ऋत्विक रोशन की बहुचर्चित फिल्म ‘मोहेंजो-दारो’ की  पटकथा को लेकर बाम्बे हाईकोर्ट में दाखिल केस के याचिकाकर्ता इस्पात नगरी भिलाई में पले-बढ़े युवा फिल्मकार आकाशादित्य लामा हैं। आकाश का कोर्ट में दावा है कि उन्होंने 1995 में ‘मोहेंजो-दारो’ की पटकथा लिखी थी  2003 में आशुतोष गोवारीकर को यह पटकथा पढ़ने दी थी। आकाश ने अपनी याचिका में साफ कहा है कि उनकी स्क्रिप्ट चोरी कर आशुतोष ने ‘मोहेंजो-दारो’ बना ली है। अब 12 अगस्त को फिल्म रिलीज होने वाली है। उसके पहले कोर्ट में सुनवाई भी चल रही रही है।
इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर फिल्म जगत तक में ‘मोहेंजो-दारो’ पर उठा विवाद सुर्खियों में है। अपनी स्क्रिप्ट चोरी होने का आरोप लगा रहे आकाश ने ‘हरिभूमि’ से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें सस्ती लोकप्रियता का कोई शौक नहीं है, इसलिए 2010 में जैसे ही उन्हें गोवारीकर द्वारा ‘मोहेंजो-दारो’ फिल्म शुरू करने की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत ई-मेल भेजा। जिसमें साफ तौर पर मैनें कह दिया था कि अभी फिल्म शुरू नहीं हुई है और वह किसी सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा कुछ नहीं करना चाहते। लेकिन स्क्रिप्ट का क्रेडिट उन्हें दिया जाना चाहिए। लेकिन बकौल आकाश, उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। आकाश ने बताया कि भिलाई से ग्वालियर जाने के बाद उन्होंने 1995 में ‘मोहेंजो-दारो’ की पटकथा लिखना शुरू की थी। इसके बाद 1997 में जब वह मुंबई पहुंचे तो फिल्म बनाने का सपना लिए काम की तलाश करते रहे। इस बीच 2000 में बन रही ‘गदर-एक प्रेम कथा’ में डायरेक्टर अनिल शर्मा के असिस्टेंट डायरेक्टर बन गए। यहां से इंडस्ट्री में कई लोगों से संपर्क बढ़ा और इस बीच आशुतोष गोवारीकर की ‘लगान’ के एडिटर जसविंदर बल्लू सलूजा से उन्होंने ‘मोहेंजो-दारो’ की अपने हाथ से लिखी स्क्रिप्ट सौंपते हुए गोवारीकर से मीटिंग करवाने का अनुरोध किया था। लेकिन मीटिंग के बजाए 4 दिन रखने के बाद गोवारीकर ने यह कह कर स्क्रिप्ट लौटा दी कि ‘लगान’ के बाद उनका इरादा एतिहासिक कथानक पर फिल्म बनाने का नहीं है।
इसके बाद जब 2010 में उन्हें गोवारीकर द्वारा ‘मोहेंजो-दारो’ फिल्म शुरू किए जाने की खबर मिली तो उन्होंने तत्काल ई-मेल भेजा। 2 साल बाद आकाश ने फिर से गोवारीकर को ई-मेल भेजा लेकिन दोनों ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। आकाश ने बताया कि उन्होंने अपनी यह स्क्रिप्ट बकायदा राइटर एसोसिएशन मुंबई और कॉपीराइट आॅफिस दिल्ली में रजिस्टर्ड करवा रखी है। इसके बाद उन्होंने गोवारीकर को लीगल नोटिस भी भेजा। अब मामला बाम्बे हाईकोर्ट में है। आकाश ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान गोवारीकर फिल्मस के वकीलों ने यह तो स्वीकार कर लिया है कि स्क्रिप्ट दी गई थी। इसकेअलावा कोर्ट के आदेश पर हमने स्क्रिप्ट से जुड़े अपने सारे दस्तावेजों का परीक्षण भी करवा लिया है। आकाश ने स्क्रिप्ट चोरी के इस मामले मे आशुतोष गोवारीकर के साथ ऋत्विक रोशन, यूटीवी मूवीज और वाल्ट डिजनी इंडिया को कटघरे में खड़ा किया है।
भिलाई में जन्में, अब छोटे-बड़े परदे पर सक्रिय
आकाशादित्य लामा भिलाई में जन्में और पले-बढ़े हैं। उनके पिता हरीशचंद्र लामा यहां सीआईएसएफ में पदस्थ थे और आकाश ने विवेकानंद स्कूल व ईएमएमएस सेक्टर-2 के बाद 1994 में सीनियर सेकंडर स्कूल सेक्टर-4 से 12 वीं पास की है। यहां पाटन और कोहका में आज भी पैतृक जमीन व मकान है और परिचितों व रिश्तेदारों से मिलने वह अक्सर भिलाई आते रहते हैं। आकाश ने 2012 में फिल्म ‘सिगरेट की तरह’ बनाई थी। इसके अलावा वह छोटे परदे पर कुमकुम, कुसुम और हमारी बेटियों का विवाह जैसे सीरियल लिख चुके हैं। डेढ़ घंटे की अवधि का उनका लिखा नाटक ‘मोहेंजो-दारो’ वर्ष 2005 से लगातार मंचित हो रहा है। अब तक उज्जैन, इंदौर, कोलकाता, गोवा और चंडीगढ़ में इसके सफल शो हो चुके हैं। संयोग से आकाश के इस बहुचर्चित नाटक का पोस्टर भिलाई से अंतरराष्ट्रीय स्तर की फैशन फोटोग्राफी में अपना अलग मकाम बनाने वाले शिराज हेनरी ने डिजाइन किया है।