Tuesday, October 16, 2012

बुद्ध-रामदास के बाद नीतीश समाज सुधारक


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और इस वक्त देश के सबसे उम्रदराज सांसद रामसुंदर दास (92) ने अपने मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गौतम बुद्ध और संत रामदास के बाद तीसरा बड़ा समाज सुधारक बताया है। 1979-80 में बिहार के मुख्यमंत्री रहे श्री दास को फिलहाल मध्यावधि आम चुनाव की कोई संभावना नजर नहीं आती है। सबसे बुजुर्ग सांसद श्री दास का संकल्प है कि जब तक शरीर में प्राण है, वह सार्वजनिक जीवन में रहते हुए देश सेवा करते रहेंगे।
यहां लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जयंती समारोह में शामिल होने आए जनता दल (यू) के सांसद श्री दास ने चर्चा करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने उन सारे दलित और पिछड़े लोगों को जोडऩे का काम किया, जो अरसे से उपेक्षित थे। उनके बाद 13 वीं शताब्दी में स्वामी रामानंद हुए। जिनके कबीर सहित 12 शिष्यों में 9 शूद्र थे। उन्होंने भी समाज को जोड़ा। इन दोनों के बाद अब बिहार में नीतीश कुमार भी उन्हीं टूटी हुई कडिय़ों को जोडऩे का काम कर रहे हैं। नीतीश की सभाओं में हंगामे के सवाल पर श्री दास ने कहा कि हमारे बिहार में 'सूप और छलनी' वाली कहावत है।
बस इसी तरह कुछ लोग जिनका लगातार पराभव हो रहा है, वो ऐसी हरकत कर रहे हैं। कद्दावर नेता रामविलास पासवान को हरा कर हाजीपुर से सांसद श्री दास ने तीसरे मोर्चे के सवाल पर मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सवाल तो उन्हीं लोगों से पूछिए जो कभी कहते हैं तीसरा मोर्चा बनेगा और फिर अपनी बात से पलट भी जाते हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार को समर्थन भी जारी रखे हुए हैं। श्री दास ने कहा कि घोटाले और भ्रष्टाचार से कांग्रेस गठबंधन सरकार घिरी हुई जरूर नजर आ रही है लेकिन फिलहाल ऐसी कोई संभावना नहीं दिखती कि अगले साल मध्यावधि आम चुनाव हो जाएंगे।
तीसरा मोर्चा बनने की स्थिति में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन से जदयू के अलग होने की संभावनाओं पर श्री दास ने कहा कि ऐसा कुछ है ही नहीं तो इस पर क्या बात करना। 92 साल की उम्र में भी राजनीति में सक्रियता के सवाल पर श्री दास ने कहा कि  जब तक सांस चलेगी और शरीर साथ देगा वह सार्वजनिक जीवन में रहते हुए देश सेवा करते रहेंगे। श्री दास ने कहा कि जरूरी नहीं कि यह सेवा एमपी या एमएलए रहते हुए ही की जाए।
----------
गाछे कटहर ओछे तेल
एनडीए में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में जवाब देते हुए श्री दास ने कहा कि हमारे यहां कहावत है 'गाछे कटहर ओछे तेल' यानि कटहल पेड़ पर फला हुआ है और आप अपने ओंठ पर तेल लगा रहे हैं कि हम कटहल खा रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला यहां है। अभी तो खुद भाजपा में ही ढेर सारे उम्मीदवार हैं। फिर एनडीए एक गठबंधन है। जब मौका आएगा तो इसमें शामिल सारी पार्टियां एक साथ बैठेंगी और जो सर्वसम्मति से तय होगा उसे समर्थन दिया जाएगा। नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की संभावनाओं पर श्री दास ने कहा कि अभी कहना जल्दबाजी होगी, वैसे भी खुद नीतीश ने कहा है कि वह फिलहाल अपने बिहार की सेवा करना चाहते हैं।

No comments:

Post a Comment