21 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरता है हमारा अंकित
समूचे छत्तीसगढ़ से इकलौता फाइटर पायलट, दीक्षांत में मिला स्वार्ड आॅफ आॅनर और प्रेसीडेंट प्लॉक, प्रशिक्षण में तमाम प्रतिस्पर्धाओं में देश भर के जवानों को पछाड़ कर रहा अव्वल, परेड का नेतृत्व भी किया
इंटरव्यू के दौरान |
दिसंबर-16 बैच में शामिल देश भर के 110 फ्लाइंग आफिसर्स के बीच विभिन्न प्रतिस्पर्धा में प्रथम रहने की वजह से पिछले सप्ताह हैदराबाद में हुई कमीशनिंग (दीक्षांत) के दौरान परेड का नेतृत्व करने का अवसर भी अंकित को मिला। उनकी इस उपलब्धि पर माता-पिता खुद को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
कमीशनिंग परेड के बाद विधिवत फाइटर पायलट बन चुके अंकित हफ्ते भर की छुट्टी पर घर आए हुए हैं। वायुसेना में जाने की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए अंकित ने बताया कि एमजीएम सेक्टर-6 से स्कूलिंग के बाद उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल में डिग्री की पढ़ाई की और इसके बाद इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट टेक्नालॉजी (आईएमटी) गाजियाबाद में एमबीए में दाखिला ले लिया था। इसी दौरान वायुसेना में सेवारत कजिन सुमीत अग्रवाल ने सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) की जानकारी दी और तत्काल आवेदन करवाया।फिर एयरफोर्स कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट हुआ। जिसमें सफलता के बाद हफ्ते भर का इंटरव्यू मैसूर में हुआ। इसके बाद जुलाई 15 से अगले डेढ़ साल कठोर प्रशिक्षण में बीते और पिछले सप्ताह 17 दिसंबर को हैदराबाद के डुंडीगल स्थित एयरफोर्स अकादमी में कमिशनिंग परेड हुई। जिसमें फायटर पायलट का ओहदा मिला।
अंकित अपने माता-पिता के साथ एयरफोर्स अकादमी में |
अंकित की इस सफलता से माता-पिता बेहद अभिभूत हैं। पेशे से व्यवसायी उनके पिता योगराज अग्रवाल कहते हैं-हमारे पूरे खानदान को गौरवान्वित किया है बेटे ने। अब ईश्वर से और क्या मांगे ? वहीं उनकी मम्मी सरोज अग्रवाल कहती हैं-बेटे की सफलता हमारे जीवन का सबसे अनमोल उपहार है। बेटा देश की सेवा करेगा और हमें क्या चाहिए।अंकित के छोटे भाई नितिन अग्रवाल इन दिनों नई दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं।
श्रीलंका के वायुसेना प्रमुख के हाथों में मिले प्रतिष्ठित सम्मान
''हरिभूमि'' 27 दिसंबर 2016 |
21 हजार फुट की ऊंचाई पर फाइटर विमान अकेले उड़ाने का रोमांच
फाइटर प्लेन के पास माता-पिता के साथ |
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