Monday, November 26, 2012

भिलाई के जेएलएन हॉस्पिटल से-9 में जन्में चार बच्चे



अपने चारों बच्चों के साथ माता-पिता अस्पताल की आईसीयू  में 
भिलाई स्टील प्लांट के जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में 18 नवम्बर 2012 रात करीब 12.30 बजे राजनांदगांव के भरकापारा की रहने वाली प्रियंका शेंडे पति दिवाकर शेंडे ने एक साथ चार बच्चो को जन्म दिया। भिलाई में अपनी तरह का यह पहला मामला है। नार्मल डिलीवरी से हुए इन बच्चो में दो बेटी और दो बेटे हैं। 
इन चारों स्वस्थ बच्चों को 25 नवम्बर को नियोनेटल इकाई से छुट्टी दे दी गई। जन्म के समय कम वजन वाले इन चारों बच्चों का वजन क्रमश: 1.1, 1.2, 1.3 और 1.7 किलोग्राम था। नवजात शिशु  इकाई के डॉक्टरों और स्टॉफ के अथक और गहन प्रयास से अंततः ये शिशु पूरी तरह स्वस्थ हो गए।   
इस संदर्भ में इस इकाई की प्रभारी डॉ मालिनी बताती हैं कि आरंभ में तो इन चारों शिशुओं की देखभाल चुनौतिपूर्ण लगा परंतु नियोनेटल इकाई के स्टॉफ की मिल-जुलकर काम करने की भावना के फलस्वरूप हम यह कार्य पूरी सफलता के साथ कर सके। इन नवजात षिषुओं के माता-पिता भी शुरू मं यह नहीं सोच पा रहे थे कि इन नन्हें षिषुओं की देखभाल कैसे करें। उन्होंने बताया कि इस इकाई में इन्ट्रॉवेनस फ्लूइड्स लेमिनर फ्लो के तहत तैयार किया जाता है। स्तनपान की शीघ्र शुरुआत अत्यंत कम वजन वाले शिशुओं को थोड़ा-थोड़ा कर ट्रौफिक फीड्स रिपिटेड हैंड वाषिंग और षुरुआती दौर में ही खतरे की स्थिति को पहचान लेने के फलस्वरूप इन बच्चों की स्थिति में सुधार के रूप में हमें सफलता नजर आई।
उल्लेखनीय है कि भिलाई के जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में नवजात षिषुओं का जीवन दर 99 प्रतिषत से भी ज्यादा है। यह इकाई देष के सर्वश्रेष्ठ इकाइयों में से एक है। चिकित्सालय से जाते समय इन चार शिशुओं के पालकों ने यहाँ के समर्पित नर्सिंग स्टॉफ चिकित्सक और प्रबंधन को भी चिकित्सालय में रहने के दौरान भरपूर सहयोग और देखभाल के लिए अपना आभार प्रदर्षित किया।

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