Wednesday, May 29, 2013

दो बटालियन से शुरू होगा रावघाट का मोर्चा

पोर्टेबल बैरक से होगी रावघाट की निगरानी
केवटी गाँव, जहाँ रेल लाइन का काम बंद है 
सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील रावघाट परियोजना में चौकसी के लिए सेल-भिलाई स्टील प्लांट ने 5 बटालियन मांगी थी। इसकी शुरूआत दो अर्धसैनिक बलों की टुकडिय़ों से हो रही है। करीब 2 हजार जवानों के लिए सारे इंतजाम शुरू हो गए हैं। इनके लिए अत्याधुनिक बैरक बनाने बीएसपी ने फेब्रिकेटेड स्टील भेज दिया है। इस माह से बैरक निर्माण भी शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ मेें यह पहला मौका होगा जब लौह अयस्क निकालने इतनी ज्यादा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
बीएसपी समूचे रावघाट की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 417 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। इसमें से रेल लाइन की सुरक्षा के लिए 217 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। रावघाट से दल्ली राजहरा तक करीब 20 जगहों पर अर्ध सैनिक बलों की टुकडिय़ां तैनात की जाएगी, जहां यह अत्याधुनिक बैरक होंगेे। इन बैरकों के लिए महीने भर के भीतर भिलाई से करीब 600 टन फैब्रिकेटेड स्टील भेजा जा चुका है। इनसे साल भर में बैरक बनाए जाएंगे। 95 किमी की इस रेल लाइन पर सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएएफ के जवान तैनात रहेंगे। जिससे की 24 घंटे पुख्ता सुरक्षा हो सके। सूत्रों की मानें तो इन बैरकों का निर्माण मुख्य रुप से राजहरा, खैरवाही, डौंडी, कच्चे,भैंसामुंडी, मुला, संबलपुर, भानुप्रतापपुर, खंडा नदी के पास कुत्तावाही, बांसला, पंडरीपानी, केवटी, दुर्गकोंदल, कनकपुर, मासबरस, अंतागढ़, बोंदेनार, ताड़ोकी, सालेभाठ, फुलपुर, रावघाट में रावघाट थाने के करीब कोयलीबेड़ा मोड़ और मंदिर के बीच सरंगीपाल में किया जाएगा।
पोर्टेबल होंगे ये बैरक- रावघाट में अर्धसैनिक बलों की बैरकों के लिए भिलाई स्टील प्लांट ने स्टील का फैब्रिकेशन छत्तीसगढ़ पुलिस के सुझावों के आधार पर किया है। भिलाई से भेजे गए शीट, एंगल और चैनल सहित तमाम स्टील से अर्धसैनिक बलों की इंजीनियरिंग शाखा के जवान बैरक का निर्माण करेंगे। ये बैरक पोर्टेबल होंगे, यानि इन्हें जरुरत पडऩे पर खोल कर कहीं भी ले जाया जा सकेगा। इनसे लगे हुए वाच टावर होंगे, वहीं इन बैरकों के दोनों और सीमा पर इस्तेमाल होने वाले कंटीले तारों की बाड़ भी होगी। जिसे पार करना नामुमकिन होगा।

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