Wednesday, May 29, 2013

जलाभिषेक की अनूठी मिसाल कायम की एक शिवभक्त ने

अब इसे विश्व रिकार्ड में दर्ज करवाने की तैयारी

मानसरोवर झील से पवित्र  जल लेते श्री चावड़ा 
ट्विन सिटी के एक शिवभक्त ने एक अनूठा कदम उठाते हुए कैलाश मानसरोवर के जल से देश भर के प्रचलित सभी ज्योतिर्लिंगों के जलाभिषेक पूरे किए हैं। पद्मनाभपुर दुर्ग निवासी अधिवक्ता विनोद चावड़ा अपने इस प्रयास को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड मेें दर्ज करवाने जा रहे हैं। 
अपने इस प्रयास के बारे में श्री चावड़ा ने बताया कि उन्होंने कैलाश मानसरोवर की तीन यात्राएं 2009,10 और 12 में की थी। पहली यात्रा के दौरान ही मन में विचार आया कि क्यों न ज्योर्तिलिंगों का अभिषेक इस पवित्र जल से किया जाए। इसके लिए त्र्यंबकेश्वर से यात्रा शुरू हुई और जब महाराष्ट्र में 5 स्थानों पर जल चढ़ाया तो स्वत: ही 'शिवप्रेरणाÓ मिली कि क्यों न देश भर के तमाम ज्योर्तिलिंगों पर इसी जल से जलाभिषेक किया जाए। इस तरह रास्ते बनते गए। उनके हर सफर में परिजन और करीबी लोग भी साथ थे। बीते दशक में रावघाट लौह अयस्क खदान के निजीकरण के रहस्योद्घाटन के बाद आंदोलन शुरू करने और अंजाम तक पहुंचा कर सुर्खियों में आए अधिवक्ता श्री चावड़ा ने बताया कि उन्होंने अपने निवास से 29 सितंबर 10 को मानसरोवर के जल से ज्योर्तिलिंगों के जलाभिषेक की अनूठी तीर्थयात्रा की शुरुआत की थी, जो इस साल 16 मई को घुष्मेश्वर राजस्थान के साथ संपन्न हुई। 
'रावघाट के योद्धाÓ एवं भिलाई स्टील प्लांट द्वारा सन 2010 में 'भिलाई मित्र पुरस्कारÓ से सम्मानित श्री चावड़ा ने बताया कि गिनीज बुक में इसे दर्ज कराने का विचार जलाभिषेक के दौरान ही आया। क्योंकि जहां भी वह गए, स्थानीय पुजारियों से लेकर कई जानकार लोगों ने यही बताया कि कैलाश मानसरोवर से जल लाकर जलाभिषेक करने की अपने आप में यह अब तक की पहली अनूठी घटना है। जिसका पूर्व में कहीं भी उल्लेख नहीं मिलता। इसलिए वह गिनीज बुक विश्व रिकार्ड के लिए 40 हजार रुपए की औपचारिक फीस के साथ वह आवेदन कर रहे हैं। 
12 नहीं 15 ज्योर्तिलिंगों का जलाभिषेक किया
घुष्मेश्वर शिवाड़ राजस्थान में जलाभिषेक करते श्री चावड़ा 
श्री चावड़ा ने बताया कि पौराणिक कथाओं एवं ज्ञात इतिहास के अनुसार देश में भगवान शंकर के द्वादश (बारह) ज्योर्तिलिंग है,लेकिन इन घोषित 12 ज्योर्तिलिंगों के अतिरिक्त 3 ज्योर्तिलिंगों के देखरेख कर्ता ट्रस्टी संस्थानों द्वारा अपने-अपने इन 3 अतिरिक्त ज्योर्तिलिंगों को भी बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक मुख्य ज्योर्तिलिंग बतलाया जाता है। इसी कारण से उन्होंने इन सभी 15 ज्योर्तिलिंगों का मानसरोवर के पवित्र जल से जलाभिषेक 2 वर्ष 11 माह की अवधि में किया।
मानसरोवर झील के पवित्र जल से यहां किया जलाभिषेक जलाभिषेक 
2010 में महाराष्ट्र में औंढा नागनाथ हिंगोली, परली बैजनाथ बीड, भीमा शंकर खेड़ पुणे, त्र्यंबकेश्वर नासिक, घृष्णेश्वर औरंगाबाद, 2011 में काशी विश्वनाथ वाराणसी उप्र, बाबा बैजनाथ देवघर झारखंड, केदारनाथ पौढ़ी गढ़वाल उत्तराखंड, ओमकारेश्वर खंडवा मध्यप्रदेश, महाकालेश्वर उज्जैन मध्यप्रदेश, श्री शैलम मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश, नागेश्वर जामनगर गुजरात, सोमनाथ वेरावल गुजरात और रामेश्वरम तमिलनाडू, 2013 में घुष्मेश्वर शिवाड़ राजस्थान। 
चांदी के लोटे के साथ तीनों बार मानसरोवर पहुंचा भक्तों का फिंगर प्रिंट 
अपने घर में चांदी के लोटे के साथ श्री चावड़ा 
श्री चावड़ा ने बताया कि अपनी तीन मानसरोवर यात्राओं में वह चांदी का विशेष लोटा साथ लेकर गए थे। इस लोटे की तीनों बार पूजा अर्चना की गई। इसके साथ ही वह इसमें उन सभी परिचित शिवभक्तों के हाथों टीका लगवाते थे। इसके पीछे उनका मानना है कि जो शिवभक्त वहां नहीं पहुंच सकते, कम से कम उनके फिंगर प्रिंट वहां पहुंच जाए। श्री चावड़ा ने बताया कि इस चांदी के लोटे के अलावा वह वहां मिलने वाले 5 लीटर के केन में भी मानसरोवर झील का जल लाते रहे हैं। इस जल से वह सभी ज्योतिर्लिंगों का अभिषेक कर चुके हैं। वहीं अब जल चूंकि कम हो रहा था तो इसमें उन्होंने अपनी जीवनदायिनी शिवनाथ नदी का जल मिलाया है। श्री चावड़ा ने बताया कि गिनीज बुक में दावेदारी के लिए वह सभी यात्राओं से जुड़े दस्तावेज, फोटोग्राफ्स और वीडियो को प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं।
विनोद चावड़ा द्वारा संपादित शिव भक्ति की नयी रीत
 कैलाश मानसरोवर यात्राएं एवं यात्रा के दौरान मानसरोवर झील से संग्रहित पवित्र जल से सभी ज्योर्तिलिंगों का रिकार्ड अवधि में जलाभिषेक ।

विनोद चावड़ा की उपरोक्त एैतिहासिक यात्राओं के दौरान सहयात्रियों के नाम
कैलाश-मानसरोवर यात्रा- 
2009 - पं. विष्णु प्रसाद शर्मा, कसारीडीह, दुर्ग।
2010 - अमृतभाई सोलंकी, श्रीमती चंदुलाबेन अमृतभाई सोलंकी (पशुपतिनाथ/काठमांडु तक के सहयात्री), सोलंकी मेडिकल, दुर्ग।
अमित अमृतभाई सोलंकी, सोलंकी मेडिकल, दुर्ग। 
2012 - नीरजभाई अमृतलालभाई वेगड़ एवं संतोष मिश्रा, दोनों जबलपुर से, श्रीमती एवं श्री सूरज रामसुजान मिश्रा, पदमनाभपुर, दुर्ग 
मानसरोवर झील के पवित्र जल से 15 ज्योर्तिलिंगों के जलाभिषेक यात्राओं के सहयात्रीगण:-
अमृतभाई सोलंकी, चंदुलाबेन सोलंकी, प्रभाबेन सोलंकी, धरमसीभाई टांक, निर्मलाबेन टांक, प्रदीप चौबे सपत्निक एवं बड़ी बहन के साथ, नीरजभाई लीना वेगड़, सोनिया चावड़ा एवं रेणुकाबेन सोलंकी।
डॉ. महेशचंद्र शर्मा, धर्म व संस्कृति के जानकार
नोट-उपरोक्त महिला सहयात्रियों में से 2 सहयात्रियों द्वारा भी 11 माह 26 दिवस की अवधि में मानसरोवर झील के पवित्र जल से 14 ज्योर्तिलिग का जलाभिशेक करके षिव भक्ति की इस नयी रीत का रिकार्ड महिलाओं द्वारा बनाये जाने की उपलब्धि (रिकार्ड) को हासिल किया जा चुका है। ये महिला सहयात्री 1 ज्योर्तिलिंग का अभिषेक करने से अपरिहार्य कारणों से वंचित रह गयी है।

वास्तव में दुर्लभ है ऐसा जलाभिषेक
शिवजी का जलाभिषेक करने लोग आस-पास से जल लाते हैं, खास तौर पर पास की नदियों का। इसके अलावा लोग गंगाजल से भी जलाभिषेक करते हैं। लेकिन यह वास्तव में दुर्लभ है कि कोई कैलाश मानसरोवर जाए और वहां से जल लाकर पूरे भारत में ज्योर्तिलिंगों का जलाभिषेक करे। मानसरोवर झील के जल की अपनी मान्यता है और इसे बेहद पवित्र माना जाता है। यह विलक्षण इसलिए है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी बड़ी दुर्गम है और यह शिवजी का निवास स्थान माना जाता है। अधिवक्ता श्री चावड़ा की यह पहल वास्तव में अनूठी है। 

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