Wednesday, August 19, 2020

 छह दशक का वैभव समेटे सूना हुआ बीएसपी जनसंपर्क
 का फोटो सेक्शन, आखिरी फोटोग्राफर जोशी भी रिटायर


तत्कालीन ईडी जी उपाध्याय  के साथ  दाएं से कल्बे हसन, प्रमोद यादव, राकेश यदु, अनिल कामड़े ,राजकुमार सिंह और सुधीर जोशी 

भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग का फोटो सेक्शन अपनी छह दशक की सक्रियता भरी उपलब्धियों के साथ अब सूना हो गया। यहां के आखिरी फोटोग्राफर सुधीर मधुकर जोशी 31 जुलाई 2020 को अपनी 36 साल की सेवा के बाद रिटायर हो गए। 

संभव है मैनेजमेंट अब जरूरत पड़ने पर वीडियो सेक्शन या बीएसपी के दूसरे विभागों से फोटोग्राफरों की सेवा ले। वरिष्ठ फोटोग्राफर जोशी के रिटायरमेंट पर इसी विभाग में सुदीर्घ सेवा दे चुके अंचल के प्रख्यात फोटोग्राफर प्रमोद यादव ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखी है। जिसमें उन्होंने विभाग से जुड़ी यादें बांटी है।

प्रमोद यादव लिखते हैं-देखते ही देखते दिन कैसे गुजर जाते हैं,पता ही नहीं चलता। मुझे वो दिन भी याद है जब एक मई 1980 को मैने फोटो सेक्शन ज्वाइन किया, तब भरा-पूरा विभाग था फोटो सेक्शन। 

तब यहां 7-8 कार्मिक हुआ करते थे। तीन सीनियर फोटोग्राफर, दो जूनियर,एक आफिस असिस्टेंट, एक प्यून और एक स्टोर कीपर भी जिसके जिम्मे फोटो सेक्शन के सारे सामान हुआ करते। 

बीएसपी के शुरुआती  फोटोग्राफर हरीश जे (स्कूटर पर )के साथ टीम 
हमें फोटो प्रिंटिंग पेपर, रोल,डेवलेपर और हाइपो डेवलपिंग ट्रे आदि की जरूरत होती तो वे ही इश्यू करते। 
उन दिनों नायर हुआ करते स्टोर कीपर, फिर बाद में उनकी जगह पिल्ले और फिर पीसी छाबड़ा आए। आफिस की पूरी व्यवस्था पीसी श्रीवास्तव की होती। वे ही सारे फोन अटेंड करते। 

सारे फोटो-कवरेज डायरी में नोट करते, टाउनशिप गैरेज में फोन कर वाहन भी लाइनअप करते। कुछ विशेष कवरेज को छोड़ वह यह भी तय करते कि किस फोटोग्राफर को कहा भेजना है।

 हमारे विभाग के नियमित टाइपिस्ट थे लंबोदर सिंह ठाकुर जो घंटे दो घंटे के लिए ऊपर फोटो सेक्शन में जरूर आया करते थे।

यादव ने लिखा-कहते है सेक्शन में पहले दो प्यून हुआ करते थे लेकिन मैं जब जुड़ा तो सिर्फ राधेश्याम ही थे। बड़े ही भोले और अंतरमुखी से लेकिन काम में माहिर और किसी काम को 'ना' नहीं कहते।

 जब कभी हम किसी वीआईपी के विजिट पर उन्हें देने एलबम बनाया करते तो पूरे रात वो हमारे साथ हमारी मदद करते, निगेटिव सूखाते,फोटो धोते फिर उन्हें एलबम में बेहद सलीके से चस्पा भी करते।

तब ब्लैक एंड वाइट का जमाना था। एलबम तैयार होते-होते सुबह के चार-पांच बज जाते फिर राधेश्याम के हाथों ही उसे फ़ोटो आफिसर के निवास पहुंचाते और वे बीएसपी के चीफ जीएम/एमडी को सौंपते, जो वीआईपी को भेंट करते।

करीब 65 साल पहले भिलाई के शुरूआती दौर में किशन सोनी 'निशा' सीनियर फोटो आफिसर और जे.हरीश जूनियर फोटो आफिसर फोटो सेक्शन के आधार स्तंभ थे। 

फिर स्व.राजा बाबू पिल्ले वरिष्ठ फोटोग्राफर, उनके बाद राकेश यदु और अनिल कामड़े फोटोग्राफर। तब पूरे सेल की किसी भी यूनिट में फोटो प्रभाग नहीं होने से अक्सर विशेष अवसरों पर भिलाई के फोटोग्राफर ही जाते। 

दोनों सीनियर ऑफिसरों सोनी व हरीश ने विशिष्ट हस्तियों के बहुत ही कवरेज किए। इनमें नेहरू,दिमशित्स, ख्रुश्चेव,डॉ.राजेन्द्र प्रसाद हो,मोरारजी देसाई, इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री,बीजू पटनायक और सरदार स्वर्ण सिंह सहित बहुत लंबी सूची है।

यादव कहते हैं-इसमें कोई शक नहीं कि भिलाई का आरंभिक इतिहास सोनी व हरीश ने ही फोटो के माधयम से बनाया,इन्होंने भिलाई को अपना बेस्ट दिया। राजा बाबू पिल्ले हरफन मौला फोटोग्राफर थे। बहुत ही ईमानदार और स्पष्ट वक्ता। उन्होंने हमें खूब सिखाया। 

हमारे ढेर सारे काम वे ही कर दिया करते। शाम के बाद का कवरेज अक्सर वे ही करते। अफसोस कि एक दिन यूं ही सुबह किसी कवरेज में जाने तैयार घर पर बैठे थे कि एकाएक दिल का दौरा पड़ा और वे चल बसे।

यादव कहते हैं-राकेश व कामड़े मेरे ही हमउम्र थे। इनसे अच्छी निभी और हम हमेशा साथ रहे। हरीश के रहते तीन और फोटोग्राफर राज कुमार सिंह,कल्बे हसन और सुधीर जोशी भर्ती हुए। फिर एक और फोटो अफसर टीके घोषाल प्लांट से आए,पर वे ज्यादा दिन यहां नही रहे।

वक्त गुजरता गया और सेक्शन में इंचार्ज के तौर पर क्रमशः एचएस कलार्थी और,श्रीमती रूखमणी सिंह आये। वक्त का पहिया घूमता रहा और एक दिन राकेश का ट्रांसफर सीएसआर में हो गया। इस दौरान राधेश्याम भी एकाएक चल बसे। यहीं से सेक्शन का विघटन शुरू हो गया। 

फिर हम केवल पांच थे। ऐसे में स्टाफ घटता गया और आधुनिकीकरण के चलते कवरेज बढ़ता गया। हमें आखिरी तक एक फुल टाइम प्यून नहीं मिला।

प्रमोद यादव कहते हैं- इन परिस्थितियों में मैं 2009 में फोटो और वीडियो सेक्शन का इंचार्ज बना। कवरेज में जाने का अवसर मेरे लिए कम होता गया और मैं केवल व्यवस्थापक की तरह हो गया। समन्वय स्थापित करना ही मेरा काम रह गया। 

खैर,मेरे रहते 2010 में एक दिन एकाएक वरिष्ठ फोटोग्राफर राजकुमार सिंह भी दिल का दौरा पड़ने से हम सबसे बिछुड़ गए। फिर 2012 में मैं सेवानिवृत्त हो गया। तीन साल बाद कामड़े रिटायर हुए। बचे केवल हसन और जोशी। पिछले साल हसन रिटायर हुए और ठीक एक साल बाद अब जोशी।


ससम्मान दी विदाई, लगातार तीन प्रधानमंत्रियों 

सहित कई यादगार फोटोग्राफी की जोशी ने


सुधीर जोशी का विदाई समारोह 
3 फरवरी 1984 को बीएसपी की सेवा से संबद्ध हुए वरिष्ठ फोटोग्राफर सुधीर मधुकर जोशी ने अपने 36 साल से अधिक के सेवाकाल में कई यादगार फोटोग्राफी की।
 सेवानिवृत्ति पर जोशी ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा कार्यकाल एनज्वाय किया और डूब कर काम किया। जिसकी उन्हें संतुष्टि है।
जोशी ने बताया कि हाल के दौर में लगातार एक के बाद एक प्रधानमंत्री बनने वाली तीन विशिष्ट हस्तियों अटल बिहारी बाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के भिलाई आगमन पर फोटो खींचने का यादगार अवसर उन्हें मिला। जोशी के रिटायरमेंट पर जनसंपर्क विभाग ने उन्हें ससम्मान विदाई दी। 

इस अवसर पर विभाग प्रमुख महाप्रबंधक जेकब कुरियन, महाप्रबंधक एस के दरिपा,सहायक महाप्रबंधक अपर्णा चन्द्रा, वरिष्ठ प्रबंधक सत्यवान नायक, वरिष्ठ प्रबंधक जवाहर वाजपेयी सहित विभाग के कर्मचारीगण उपस्थित थे। 

जोशी के योगदान का स्मरण करते हुए उपस्थित लोगों ने कहा कि वे जनसम्पर्क के बेहतरीन फोटोग्राफरों में से एक हैं जिनकी पैनी व कलात्मक दृष्टि फोटो को जीवंत कर देती है।

 उल्लेखनीय है कि जोशी ने भिलाई स्टील प्लांट के कई ऐतिहासिक पलों को अपने कैमरे में कैद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 विभाग में 5 एस के क्रियान्वयन में जोशी ने उत्कृष्ट योगदान दिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार एवं विश्वकर्मा पुरस्कार हेतु आवेदन करने वाले कार्मिकों के मॉडिफिकेशन को बड़े ही बेहतरीन ढंग से अपने कैमरे में कैद कर इन आवेदनों को गुणवत्तापूर्ण बनाने में महती भूमिका निभाई है। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रबंधक सत्यवान नायक ने किया।


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