Wednesday, June 8, 2011

आनंद के. आईआईटी में देश भर में 47 वां

रिसाली के कल्पतरू अपार्टमेंट में 25 मई की सुबह फिर एक बार खुशियां लेकर आई। पिछले साल यहां टॉप फ्लोर पर रहने वाले विपुल सिंह ने आईआईटी में राष्ट्रीय स्तर पर 5 वां और समूचे खडक़पुर रीजन में पहला स्थान हासिल किया था। तारीख वही है बस साल भर बदला है और विपुल के घर के ठीक नीचे दूसरी मंजिल पर रहने वाले आनंद के. ने इस बार आईआईटी में देश भर में 47 वां और समूचे खडक़पुर रीजन में पहला स्थान हासिल कर फिर यहां खुशियां बिखेर दी है।
इस अपार्टमेंट में ज्यादातर बीएसपी व निजी कंपनियों में कार्यरत अफसरों के घर हैं। एनएमडीसी बचेली में असिस्टेेंट जनरल मैनेजर एन केशवन नंबुदिरी भिलाई में बेहतरीन पढ़ाई का माहौल देखते हुए दो साल पहले परिवार सहित इसी अपार्टमेंट में रहने आ गए थे। उनके दोनों बेटे आनंद के. और अरविंद के. डीपीएस भिलाई में पढ़ रहे हैं। बुधवार की सुबह से देर रात तक इस घर में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कोई मोबाइल फोन पर बधाई दे रहा था तो कोई गुलदस्ते लेकर आनंद व उसके परिजनों को बधाई देने पहुंच रहा था। इन बधाइयों के बीच आनंद के पिता के चेहरे पर गंभीरता है। वह कहते हैं आनंद की असली परीक्षा तो अब शुरू हुई है। उसके भविष्य की दिशा तो अब तय होगी। खडक़पुर रीजन के इस साल के टॉपर के घर ‘भास्कर’ ने कुछ पल बिताए।
इंटरनेट नहीं, दोस्त ने दी खबर
श्री नंबुदिरी को मालूम था कि हर साल 25 मई को आईआईटी का परिणाम आ जाता है लिहाजा वह एनएमडीसी से अपनी छुट्टी लेकर 24 मई को ही भिलाई पहुंच गए थे। बुधवार की सुबह रोज की तरह 7 बजे आनंद की नींद खुली। आनंद की मां आशादेवी बताती हैं कि हमें किसी कोचिंग संस्थान से फोन आ चुका था कि परिणाम 8:30 बजे जारी होगा। चूंकि इस घर में हाल ही में शिफ्ट हुए हैं, इसलिए यहां इंटरनेट नहीं है। ऐसे में आनंद के किसी दोस्त ने फोन पर यह खुशखबरी दी। आनंद के मुताबिक उसे 50 के अंदर रैंकिंग की तो पूरी उम्मीद थी, इसलिए कहीं और कन्फर्म करने की कोई जरूरत नहीं पड़ी।
जमकर बजाया की बोर्ड
आनंद पिछले दो साल से आईआईटी की तैयारी में गंभीरता से जुटा हुआ था। आनंद के पिता श्री नंबुदिरी बताते हैं कि वह कभी गिटार बजाया करते थे और उनका बेटा की-बोर्ड बेहद शौक से बजाता है। लेकिन आईआईटी की तैयारी के लिए पिछले दो साल से उसने की-बोर्ड बहुत कम बजाया था। आज जब रिजल्ट आया, उसके बाद उसने सबसे पहले माता-पिता के चरण छूकर आशीर्वाद लिए और फिर भगवान के आगे नतमस्तक हुआ। इसके बाद उसने की-बोर्ड खोला और जम कर बजाया। आनंद ने बताया कि उसे वेस्टर्न म्यूजिक ज्यादा पसंद है और माइकल जैक्सन व लिंकेन पार्क को वह अपना आइडियल मानता है।
इतना मीठा....नहीं..नहीं
सफलता की खबर मिलने के बाद मोबाइल पर दी जाने वाली बधाई तो ठीक है लेकिन घर पहुंचने वाले लोग आनंद को मिठाई खिलाना नहीं भूल रहे। आनंद इससे थोड़ा सा परेशान दिखा। ‘भास्कर’ से आनंद ने कहा-इतनी मिठाई मैनें कभी नहीं खाई। मैनें अपने माता-पिता का मुंह मीठा किया और उन्होंने व भाई ने मुझे मिठाई खिलाई लेकिन इसके बाद अब और मिठाई....इतना मीठा मैं नहीं खा सकूंगा।
भरपूर नींद और भरपूर पढ़ाई
आनंद ने अपनी सफलता का राज साझा करते हुए बताया कि उसे दिन में सोने की आदत नहीं है और रात में वह अनिवार्य रूप से 10:30 से सुबह 7 बजे तक की भरपूर नींद लेता है। उसने कभी इस बात का टेंशन नहीं लिया कि देर रात तक पढऩा है या फिर बिल्कुल सुबह उठ कर याद करना है। पूरे दो साल स्कूल और कोचिंग के अलावा घर में भी उसने पढ़ाई की लेकिन समय का सही नियोजन कर उसने बिना किसी तनाव के अपना कोर्स पूरा किया और रिवीजन भी।
------------

No comments:

Post a Comment