Wednesday, June 8, 2011

फिर मचेगी धूम ‘888’ के दौर की

सेक्टर-1 मिडिल स्कूल के 1988 बैच स्टूड़ेंट हुए एकजुट
888 यानि 1988 में पास आउट 8 वीं का बैच। सेक्टर-1 का बीएसपी प्रायमरी स्कूल मिडिल में तब्दील हुआ और इंग्लिश मीडियम होने के बाद अब यह स्कूल ईएमएमएस-1 कहलाता है। इस स्कूल का नाम और मीडियम बदला लेकिन इस स्कूल से भावनात्मक लगाव रखने वालों का यहां से आज भी रिश्ता कायम है। इस स्कूल में 1980 से 1988 तक अपनी पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट एकजुट हुए हैं। तैयारी है पुराने दोस्तों को इक_ा कर अपने स्कूल के दिनों की यादों में खो जाने की। आगे और भी कार्यक्रम होने हैं जिसमें एलुमनी का गठन के साथ ही आगामी सालों में 1988 बैच की सिल्वर जुबली मनाना भी शामिल है।
इस्पात नगरी के विभिन्न स्कूलों की एलुमनी की तर्ज पर सेक्टर-1 के इस स्कूल के पुराने स्टूडेंट भी एलुमनी बनाने सक्रिय हुए हैं। इस स्कूल से पास आउट प्रवीण जैन, नवेद आमिर खान और के एस सुशील बताते हैं-1988 के बाद 22 साल का अरसा बीत गया है और इस दौरान कभी ऐसा मौका नहीं आया कि सारे दोस्त एक साथ इक_े हुए हों। दरअसल मिडिल स्कूल के बाद पूरा बैच बिखर गया और सभी साथी अलग-अलग स्कूलों में चले गए। इसके बाद जॉब व अन्य कारणों से बहुत से साथी देश के विभिन्न हिस्सों और विदेश में भी बस गए। इस बैच के सीवी राजशेखर, आनंद साहू और हर्षदेव नाफड़े ने बताया कि हाल ही में भिलाई में रहने वाले सेक्टर-1 के 88 बैच के 10-12 साथी इक_े हुए। इसके बाद तय हुआ कि सभी की तलाश की जाए। ऐसे में बहुतों का पता मिला, कुछ के मोबाइल नंबर मिले और इस तरह धीरे-धीरे 40 से ज्यादा साथियों से संपर्क हो पाया। अभी भी मिर्जा जाहिद बेग, श्रीधर, गोपीनाथ, लालसिंह, गुरदीप सिंह, जगेंद्र बिसने व पीवी राममूर्ति सहित बहुत से ऐसे क्लासमेट हैं, जिनका संपर्क सूत्र मिल नही पाया है।
इस ग्रुप के हितेंद्र बोरकर, कमलजीत सिंह व मनहरण लाल साहू ने बताया कि सेक्टर-1 मिडिल स्कूल से 1988 में 8 वीं पास आउट स्टूडेंट 29 मई रविवार की शाम छह बजे सेक्टर-1 के पार्क में इक_ा हो रहे हैं। जहां आगे के कार्यक्रमों की रणनीति बनाई जाएगी।

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